लोगों को दस्तावेज जुटाने में आ रही दिक्कतें
इस समस्या के बारे में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री दिलीप कुमार जायसवाल ने बताया कि लोगों को भूमि के दस्तावेज एकत्र करने में समस्या आ रही है। इसलिए विभाग ने उन्हें आवश्यक दस्तावेज प्राप्त करने के लिए 3 महीने का अलग से समय दिया है। इस निर्णय पर औपचारिक पत्र जारी होने के पश्चात सर्वेक्षण फिर से शुरू किया जाएगा।
45000 गांवो का किया जाना है भूमि सर्वेक्षण
आपको बता दे चलें कि अगले वर्ष प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं, जिसकी वजह से सरकार ने 20 अगस्त से भूमि सर्वेक्षण की शुरुआत की, जिसकी समय सीमा जुलाई 2025 रखी गई थी। इस काम के लिए सरकार ने विशेष सर्वेक्षण सहायक निपटान अधिकारियों और सर्वेक्षण जमीन सहित अन्य अधिकारियों के तौर पर लगभग कुल 10,000 अधिकारियों की नियुक्ति की थी। जिसके तहत प्रदेश के 45000 गांव की भूमिका डिजिटलीकरण करना है।
जमीन के दस्तावेज समझने में अधिकारियों को हो रही दिक्कत
इस घटनाक्रम के पीछे एक और वजह सामने आई है। अधिकारी के अनुसार प्रदेश के लोगों के जमीनी दस्तावेज कैथी लिपि में लिखे हैं। जिसकी वजह से ज्यादातर अधिकारी इस लिपि से अनभिज्ञ होने की वजह से काम करने में असमर्थ हो रहे हैं। जबकि राज्य में बहुत कम अधिकारी ऐसे हैं जो इस लिपि की जानकारी रखते हैं।